टीकमगढ़ जिले में अपराध की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। मारपीट के नए नए मामले सामने आ रहे है। इसी संबंध में एक मामला टीकमगढ़ कोतवाली का भी सामने आया है। बीते साल परिवादी/पीड़ित उर्मिला रैकवार और उसके अवयस्क पुत्र के साथ टीकमगढ़ कोतवाली में पदस्थ तत्कालीन उप निरीक्षक कमल विक्रम पाठक एवं अन्य के द्वारा गंभीर रूप से मारपीट की गई थी जिसके सम्बन्ध में पीड़िता द्वारा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की गई थी लेकिन कोई परिणाम न निकलने पर पीड़िता द्वारा जे.पी. एसोसिएट्स लॉ फॉर्म से संपर्क कर न्यायालय टीकमगढ़ में परिवाद पेश किया था। जे.पी. एसोसिएट्स की तरफ से पीड़िता का पक्ष न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता अविरल जैन ने प्रस्तुत किया। अधिवक्ता अविरल जैन ने बताया कि पीड़िता के साथ मारपीट कोतवाली टीकमगढ़ के अंदर हुई थी। इसमें सबसे बड़ी मुश्किल यह थी कि उक्त घटना के संबंध में सूचना के अधिकार के माध्यम से सीसीटीवी फुटेज मांगी थी जो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अलग अलग कारण से नहीं दी थी। उक्त बात को न्यायालय के सामने प्रस्तुत कर सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का हवाला देते हुए उक्त सीसीटीवी फुटेज को निकालने का निवेदन किया था। जिसके सम्बन्ध में न्यायिक मजिस्ट्रेट टीकमगढ़ के द्वारा दिनांक 07/07/25 को आदेश करते हुए मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए कोतवाली टीकमगढ़ को आदेश दिए है कि उक्त घटना दिनांक की सीसीटीवी फुटेज न्यायालय में पेश करे। जे पी एसोसिएट्स के पार्टनर अधिवक्ता आशुतोष पस्तोर ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस को उक्त सीसीटीवी को न्यायालय में पेश करना पड़ेगा और पेश नहीं करने पर स्पष्टीकरण देना पड़ेगा जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध होगा। हम उम्मीद करते है कि उक्त आदेश के बाद पीड़िता को न्याय मिल सकेगा। उल्लेखनीय बात है कि उक्त प्रकरण में एफआईआर हुए बिना न्यायालय ने मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए निर्देश दिया है।
मनीष सोनी की रिपोर्ट