म.प्र.लेखक संघ के सनातनी कवि सम्मेलन में ज्ञान गंगा बही

टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की के बेनर तले एडवोकेट कौशल किशोर भट्ट के निवास में सभागार सनातनी कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ बुंदेली कवि प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप मलवा क्षेत्र इंदौर से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार अभिनंदन गोइल ने की।
गोष्ठी की शुरूआत सरस्वती वंदना से कवि राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने की तथा राममय दोहे पढ़े-
रामनाम महिमा बड़ी करदे बेड़ा पार, राम नाम जपते रहो खुशियाँ मिले अपार।।
बल्देवगढ़ से पधारे कृष्णकांत तिवारी ने रचना पढ़ी -जीवन की चिंता अभी छोड़ दो,इरादों को अपने नया मोड़ दो। तेरी सब दुविधा हरेंगें प्रभु,सपनों को लेकर के आगे बड़ो,बढ़ते रहो
इदौर से पधारे अभिनंदन गोइल ने कविता पढ़ी- विश्व प्रेम का जनक है, करवाता सत्कर्म।
उपादेय शाश्वत सदा, धन्य सनातन धर्म।।
पलेरा से पधारे रविन्द्र यादव ने रचना पढ़ी – जहाँ से पार जाने का, जहाँ में एक ही पथ है।
उसी से राम गुजरे है, उसी से श्याम गुजरे हैं।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत पढ़ा – भगवान ने हमको दिया ये जीव मिलकर इसे हँसाना सीखें।
हँसकर इसे बिताना सीखें।
स्वप्निल तिवारी ने कविता सुनायी – हर युग के चहेते हमारे राम, बहुत सरल है,
क्योंकि शब्दों से परे हैं मेरे राम।।
सियाराम अहिरवार ने रचना पढ़ी – राम पधारे अयोध्या दसरथ जू के नंदन।
हम सारे जगत के प्राणी करते उनका वंदन।।
शकील खान ने ग़ज़ल पढ़ी-जिसको अपना बनाया मेरे राम ने। पार उसको लगाया मेरे राम ने।
कमलेश सेन ने कविता पढ़ी- राम भरोसा राम बल राम है विश्वास।
राम ही अंतर घट रहे राम साँस उचसांस।।
प्रभुदयाल श्रीवास्तव‘पीयूष’ ने रचना पढ़ी – जे आ गय है रितुराज,हरीरे पीरे पट फहरा रहे।।
इनके आलावा एडवोकेट कौशल किशोर भट्ट, महेन्द्र जैन, आशुतोष भट्ट आदि अपनी रचनाएँ एवं विचार रखे। सभी कवियों ने एडवोकेट कौशल किशोर भट्ट को उनके विवाह की 50वीं वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाईयाँ दी। गोष्ठी का संचालन कवि सम्मेलन के सूत्रधार राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन आशुतोष भट्ट ने किया।

मनीष सोनी की रिपोर्ट

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