मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय द्वारा प्रदेश के जनजातीय चित्रकारों को चित्र प्रदर्शनी और चित्रों की बिक्री के लिये सार्थक मंच उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रतिमाह ‘लिखन्दरा प्रदर्शनी दीर्घा’ में किसी एक जनजातीय चित्रकार की प्रदर्शनी सह विक्रय का संयोजन शलाका नाम से किया जाता है। इसी क्रम में 3 जनवरी, 2025 से भील समुदाय की युवा चित्रकार सुश्री रीता भूरिया के चित्रों की प्रदर्शनी सह-विक्रय का संयोजन किया गया है। 57वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी 30 जनवरी, 2025 (मंगलवार से रविवार) तक निरंतर रहेगी।
युवा भीली चित्रकार रीता भूरिया
युवा भीली चित्रकार रीता भूरिया का जन्म भोपाल (मध्यप्रदेश) में हुआ। आपके पिता श्री विजय भूरिया निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं एवं माता श्रीमती शांता भूरिया भी भीली चित्रकला में जाना-पहचाना नाम हैं। प्रख्यात भीली चित्रकार पद्मश्री भूरीबाई की नातिन होकर चित्रकला का हुनर आपको विरासत से हासिल हुआ है।
सुश्री रीता ने विज्ञान विषय में स्नातक तक की शिक्षा हासिल की है। उन्हें चित्रकला का शौक बचपन से ही रहा है। बैंगलोर, नई दिल्ली, लखनऊ आदि शहरों में आयोजित कुछेक एकल एवं संयुक्त चित्रकला प्रदर्शनियों में भाग लिया है। उनके चित्रों में जंगली पशु-पक्षी और प्रकृति विशेषतौर पर दृष्टव्य होते हैं। अपनी सफलता का सम्पूर्ण श्रेय रीता अपनी कला-गुरु अर्थात् अपनी नानी भूरीबाई को देती हैं, जिनकी सतत् प्रेरणा और मार्गदर्शन ने आपकी चित्रकला को सुघड़ बनाया।
एम डी एस चौहान की रिपोर्ट