साइबर अपराधों से सुरक्षा एवं बचाव हेतु जिला स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा

//*डिजिटल अरेस्ट एडवाइजरी*//

पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा साइबर अपराधों से सुरक्षा एवं बचाव हेतु जिला स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है एवं साइबर अपराधों से बचाव हेतु सप्ताहिक साइबर एडवाइजरी भी जारी की जा रही है ।

♦️इसी क्रम में टीकमगढ़ जिले के आमजन को साइबर अपराधों से जागरूक करने हेतु वर्तमान में साइबर अपराधियों द्वारा किए जा रहे डिजिटल अरेस्ट स्कैम के संबंध में साइबर एडवाइजरी जारी की जा रही है ।

♦️आमजन से अपेक्षा है कि डिजिटल अरेस्ट स्कैम को आप इस एडवाइजरी के माध्यम से समझेंगे एवं इससे बचने के बताए जा रहे उपायों का पालन करेंगे।

👉 डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है
🔻 वर्तमान में सायबर अपराधियों द्वारा आमजन को किसी इंवेस्टीगेशन एजेंसी/संस्था( NCB/CBI/ED/NIA आदि ) के वरिष्ठ अधिकारी के नाम से कॉल/व्हाट्सएप कॉल करके आपको या किसी परिजन को किसी संगीन अपराध में आरोपित कर वीडियो कॉल के माध्यम से ऑनलाइन आपको धमकाकर डिजिटल अरेस्ट करते है।

👉 अपराधियों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली
🔻सायबर अपराधी कॉल अथवा व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क करते हैं। यह कॉल अधिकांशतः +92 (पाकिस्तानी) नम्बर या किसी अन्य देश के नम्बर (+91 के अलावा) से आते हैं।
🔻साइबर अपराधी कॉल करके आपको डराते हुये यह कहते हैं कि आपके PAN / AADHAR कार्ड का उपयोग करके पार्सल भेजा गया है, जिसमें नशीली सामग्री है।
🔻साइबर अपराधी NCB/CBI/ED/NIA आदि इंवेस्टीगेशन एजेंसी के अधिकारी के नाम से बदल-बदल कर कभी कॉल, कभी व्हाट्सएप वीडियो कॉल करते हैं, और कहते हैं कि उन्होंने आपके नाम से एक पार्सल पकड़ा है, जिसमें नशीली सामग्री है।
🔻अपराधियों द्वारा कभी आपको कोर्ट फीस देने या जमानत देने के नाम से अथवा आपका नाम केस से हटाने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है।
🔻कभी-कभी वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी से बात करने को भी कहते हैं। वीडियो कॉल पर रहते हुये आपको एक फर्जी नोटिस दे दिया जाता है, जिसमें आपको डिजिटल अरेस्ट करते हुये घर में ही रहने को कहा जाता है। और कहा जाता है कि आप स्वयं को किसी कमरे में बंद कर लें तथा उनके सभी सवालों के जवाब दें। यह भी कहा जाता है कि कैमरे के सामने ही रहना है, कमरे में यदि कोई और आया तो आप दोनों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
🔻धीरे-धीरे आपको अत्यधिक डराया जाता है और आपकी निजी व खातों तथा विभिन्न इंवेस्टमेंट की जानकारी आपसे ले ली जाती है। अंत में यह कहकर कि शायद आपको गलत फंसा दिया गया है, आप जांच पूरी होने तक अपना पैसा आरबीआई/भारत सरकार के खाते में जमा कर दें, जो जांच पूरी होने के बाद आपको लौटा दिया जायेगा। इस पूरी कार्यवाही के दौरान आपको न ही किसी से संपर्क करने का मौका दिया जाता है, न ही बाहर जाने दिया जाता है और इस प्रकार आपसे मोटी रकम जमा करा ली जाती है।

👉 सुरक्षा के उपाय
🟢 अनजान नम्बर विशेषकर जो +92 से शुरु होते हों, से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल/वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं।
🟢 भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई नियम नहीं है। अतः किसी के कहने पर या डर से खुद को कहीं बंद न करें।
🟢 अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार, पेन कार्ड आदि को किसी के साथ साझा न करें।
🟢 कोई भी शासकीय एजेंसी आपसे आपका निजी पैसा किसी भी शासकीय खाते में जमा करने या सुरक्षित करने की सलाह नही देता। अतः कभी भी अपना पैसा किसी अनजान खाते में ट्रांसफर न करें।
🟢 यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में,साइबर सेल में या Cyber Crime Help Line (Toll Free) ☎️ नम्बर 1930 पर करें।

🚨//टीकमगढ़ पुलिस द्वारा साइबर सुरक्षा हेतु आमजन के जनहित में जारी//

मनीष सोनी की रिपोर्ट

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