हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पांच स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसमें चार लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
बादल फटने से तबाही
भारी बारिश के चलते आनी के निरमंड में दो स्थानों, कुल्लू के मलाणा, मंडी के थलटूखोड़, और चंबा जिले में बादल फटने से भयानक तबाही मची है। कई मकान, स्कूल और अस्पताल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन के अनुसार, कुल्लू जिले में पुल और घर बह गए हैं। मंडी जिले में 35 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, लेकिन कई स्थानों पर राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी हैं।
प्रशासन की कार्रवाई
मंडी के थलटूखोड़ में रात को बादल फटने से सड़क संपर्क ठप हो गया है। इस क्षेत्र में तीन घर बह गए हैं, और आठ लोग लापता हैं, जिनमें से दो शव बरामद कर लिए गए हैं। डीसी अपूर्व देवगन ने बताया कि एयरफोर्स को अलर्ट कर दिया गया है और रेस्क्यू टीम प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना हो गई हैं। सड़कों के टूटने के कारण प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्थिति का जायजा लेने के लिए शिमला से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं और राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और सुरक्षित रहें। उन्होंने केंद्र सरकार से मदद की अपील की है और एनडीआरएफ की टीमें भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जा रही हैं।
अन्य प्रभावित क्षेत्र
शिमला-कुल्लू सीमा पर भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। यहां कई मकान, स्कूल और अस्पतालों को क्षति पहुंची है। राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर भेज दी गई है। निरमंड ब्लॉक के झाकड़ी में हाइड्रो प्रोजेक्ट के पास बादल फटने से 36 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से दो को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री सुक्खू से बात कर राज्य में राहत कार्यों के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने एनडीआरएफ की तैनाती के लिए निर्देश दिए हैं और कहा है कि केंद्र सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
समापन
यह घटनाएं हिमाचल प्रदेश में मानसून की गंभीरता को दर्शाती हैं। सरकार और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके। स्थानीय लोगों को सलाह दी गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। इस कठिन समय में राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर राहत और बचाव कार्यों को अंजाम दे रही हैं।