नई दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू हुए यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र में मध्यप्रदेश पर्यटन ने सहभागित की है। बैठक के लिये 195 देशों से 2000 से अधिक प्रतिनिधी शामिल हो रहे है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के एग्जीबिशन पर मध्यप्रदेश की विविध एवं अनूठी सांस्कृतिक व प्राकृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया है। 11 दिनों तक चलने वाले सत्र के दौरान, यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों के नामांकन के प्रस्ताव, 124 मौजूदा विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण रिपोर्ट की स्थिति, अंतर्राष्ट्रीय सहायता और विश्व धरोहर निधि के उपयोग आदि पर चर्चा की जाएगी। एग्जीबिशन में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग धर्मेंद्र सिंह लोधी ने भ्रमण किया।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं प्रबंध संचालक, टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि, विश्व धरोहर समिति विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होती है। देश में पहली बार हो रही समिति की बैठक में मध्यप्रदेश ने भी अपनी पर्यटन एवं सांस्कृतिक धरोहरों को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है। यहां दुनियाभर से आए विशेषज्ञों एवं राजनयिकों के साथ हमारी सांस्कृतिक, प्राकृतिक और विरासत को संरक्षित करने एवं और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकेगी। प्रदेश की 11 यूनेस्को टेंटेटिव धरोहरों को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिये भी प्रयास होंगे।
म.प्र. का विशेष सत्र 24 को
मध्य प्रदेश द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) और ASI के साथ मिलकर 24 जुलाई को शहरी विरासत और HUL की सिफ़ारिश पर केंद्रित एक विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि ऐतिहासिक शहरी परिदृश्य (HUL) की पायलट परियोजना के तहत ओरछा और ग्वालियर को चुना गया है। प्रदेश सरकार इन दोनों शहरों के लिए प्रबंधन योजनाओं पर सक्रिय रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है। 24 जुलाई को होने वाले सत्र के माध्यम से, मध्य प्रदेश को HUL की अनुशंसा अनुसार शहरी विरासत के प्रबंधन में चुनौतियों और सफलताओं के साथ ही रणनीतियों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।
प्रदेश की यूनेस्को धरोहरें
खजुराहों के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं एवं सांची स्तूप यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यूनेस्को की संभावित सूची में ग्वालियर किला, बुरहानपुर का खुनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित रामनगर के गोंड स्मारक, धमनार का ऐतिहासिक समूह, मांडू में स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, चंदेरी भारत के प्रतिष्ठित साड़ी बुनाई समूह शामिल है।