विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनी ही अधिकृत कॉलोनी होती है: कलेक्टर श्रोत्रिय

टीकमगढ़, 05 जुलाई 2025/* कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कॉलोनी विकास के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कॉलोनाईजर्स एवं इस कार्य में इच्छा रखने वाले नागरिकों को नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलोनी के निर्माण के संबंध में मध्यप्रदेश कॉलोनी विकास नियमों के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यशाला के दौरान यह बताया गया कि सर्वप्रथम कॉलोनाइजर को स्वयं का कॉलोनाइजर के रूप में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। तत्पश्चात नगर तथा ग्राम निवेश से ले आउट की स्वीकृति लेनी होगी। इस स्वीकृत लेआउट के अनुसार विकास कार्यों को करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से विकास की अनुमति लेकर विकास कार्य प्रारंभ किया जा सकता है।
कार्यशाला में कलेक्टर श्रोत्रिय ने कहा कि कॉलोनाईजर्स के कंधों पर ही जिम्मेदारी है कि वैधानिक रूप से कार्य कर आने वाली पीढ़ी के लिये एक व्यवस्थित नगर विकसित करें। श्रोत्रिय ने कहा कि सिटी प्लानिंग हेतु मास्टर प्लान अनुसार अच्छी मानसिकता और भावना के साथ नियमानुसार काम करके व्यवस्थित शहर का विकास किया सकता हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार वैध कॉलोनी विकसित करने में स्वीकृति की प्रक्रिया के दौरान आपको जो भी बाधायें आयेगी उसके समाधान कलेक्ट्रेट के कॉलोनी सेल में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कालोनी विकास के लिए नियम पहले से ही बने हुए हैं जिनका पालन करके अभी से सुधार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहर के सभी वर्गों को ध्यान में रखकर मास्टर प्लान के अनुरूप नियमानुसार कालोनियों का विकास किया जाये।
कार्यशाला में एसडीएम टीकमगढ़ लोकेन्द्र सिंह सरल द्वारा मध्यप्रदेश कॉलोनाईजर्स के नियमों के संबंध में पीपीटी के माध्यम से कॉलोनी विकास नियम, अनुमति, रजिस्ट्रेशन आदि प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें उन्होंने बताया गया कि कॉलोनी विकास के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है। शहरी क्षेत्र के लिए आयुक्त नगरीय आवास व विकास विभाग तथा ग्रामीण के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुमति देता है। कालोनी विकास अनुमति के लिए शहरी क्षेत्र में सक्षम अधिकारी कलेक्टर होते हैं। कालोनी विकसित करने लिए के 45 दिन पहले आवेदन करना होता है। कॉलोनी विकास अनुज्ञा का शुल्क आवेदित व्यापवर्तित भूमि के निर्धारण बाजार मूल्य का 0.5 होगा। कार्यशाला में उपस्थित कॉलोनाईजर्स तथा वैध कॉलोनी विकसित करने हेतु इच्छुक नागरिकों की समस्याओं तथा कॉलोनी विकास में आने वाली बाधाओं के बारे में चर्चा की गई तथा उनके समाधान के लिये आश्वासन दिया गया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, अपर कलेक्टर पीएस चौहान, एसडीएम टीकमगढ़ लोकेन्द्र सिंह सरल, नगर पालिका टीकमगढ़ सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया , सागर संभाग से आर्किटेक्ट सहित संबंधित अधिकारी, जिले के कॉलोनाईजर्स, मीडिया प्रतिनिधि तथा वैध कॉलोनी विकसित करने हेतु इच्छुक नागरिक उपस्थित रहे।

मनीष सोनी की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *