राजमहल बना असामाजिक तत्वों का अड्डा अवैध पार्किंग बनी मुसीबत

टीकमगढ़ शहर की ऐतिहासिक धरोहर राजमहल अपनी सुंदरता के लिए विख्यात है इसे टीकमगढ़ की शान भी कहा जाता है पर प्रशासन की अनदेखी के चलते राजमहल के आसपास असामाजिक गतिविधियां फलफूल रही है जो राजमहल की सुंदरता के लिए काले धब्बे से कम नहीं है शाम होते ही यहां आसपास शराबी जाम छलकाने जमा हो जाते हैं राजमहल के पिछले दरवाजे से लेकर सीनियर बेसिक स्कूल तक नशाखोरी का अड्डा बनता जा रहा है
असामाजिक तत्वों द्वारा स्ट्रीट लाइटें भी खराब कर दी गई हैं ताकि अंधेरे में उनकी गतिविधियां कोई देख न सके हालात ये है कि शाम के समय महिलाएं निकलने से भी डरने लगी हैं वहीं राजमहल के चारों ओर अवैध पार्किंग नशाखोरी के लिए सहायक सावित हो रही है
लगभग आधा सैकड़ा वाहन बेतरतीब ढंग से यहां पार्क किए जाते हैं जो किसी बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकते हैं पूर्व में कुछ वाहनों में आगजनी जैसी घटना भी घट चुकी है
ऐसा नहीं कि प्रशाशन की नजर इस ओर जाती नहीं पूर्व में यहां पुलिस चौकी भी स्थापित की गई थी जो अब बंद कर दी गई नए पुलिस अधीक्षक महोदय ने नव पहल करते हुए जिले भर में प्रभात तथा सायंकालीन गस्त बढ़ा कर अपराधों पर अंकुश लगाने का भरसक प्रयास किया है पर राजमहल से लेकर ढ़ोंगा क्षेत्र शहर का संवेदनशील एरिया माना जाता है इसकी अनदेखी निश्चित रूप से प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़ा कर देती है

मनीष सोनी की रिपोर्ट

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