मानसून सुरक्षा परामर्श– जिला टीकमगढ़

पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ मनोहर सिंह मंडलोई* द्वारा वर्षा ऋतु के दौरान संभावित आपदाओं तथा पूर्व वर्षों में घटित घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु मानसून सुरक्षा परामर्श निर्गत किया गया है। इस परामर्श के माध्यम से समस्त नागरिकों से आग्रह है कि वे निम्नलिखित सावधानियों का अक्षरशः पालन करें, जिससे जन-धन की क्षति से बचा जा सके।

सावधानियाँ एवं निर्देश:

  1. भवन एवं निर्माणाधीन संरचनाओं संबंधी सावधानियाँ
  • जर्जर, क्षतिग्रस्त अथवा दरारयुक्त इमारतों, दीवारों या मकानों में निवास करने से परहेज़ करें।
  • यदि भवन में सीलन, झुकाव अथवा दरार के संकेत दिखाई दें, तो संबंधित नगरीय निकाय अथवा प्रशासन को त्वरित सूचना प्रदान करें।
  • भवनों में वर्षा जल की निकासी हेतु समुचित व्यवस्था बनाए रखें।
  1. विद्युत सुरक्षा संबंधी निर्देश
  • खुले विद्युत तार, ट्रांसफॉर्मर एवं विद्युत खंभों से उचित दूरी बनाए रखें।
  • जलभराव की स्थिति में विद्युत उपकरणों के उपयोग से पूर्णतः परहेज़ करें।
  • गीले हाथों से किसी भी प्रकार के स्विच बोर्ड, वायरिंग अथवा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को स्पर्श न करें।
  1. बाढ़ एवं जलभराव संबंधी सावधानियाँ
  • मूसलधार वर्षा अथवा जलभराव की स्थिति में नालों, पुलों, जलमग्न गड्ढों एवं बहाव क्षेत्रों के समीप न जाएं।
  • संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से समय रहते सुरक्षित स्थानों की ओर स्थानांतरित हो जाएं।
  • जलभराव की स्थिति में अनावश्यक रूप से वाहन न चलाएं।
  1. आकाशीय बिजली से सुरक्षा उपाय
  • बिजली चमकने अथवा गर्जन की स्थिति में खुले मैदान, खेत, ऊँचाई, वृक्षों के नीचे या किसी धातु संरचना के समीप न रुकें।
  • यदि आप खुले में हैं, तो घुटनों के बल झुककर, सिर नीचे कर लें तथा शरीर का पृथ्वी से न्यूनतम संपर्क बनाए रखें।
  1. बालक एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष निर्देश
  • बालकों को नालियों, तालाबों, जलभराव वाले स्थलों अथवा क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में खेलने से रोकें।
  • वरिष्ठ नागरिकों के आवागमन हेतु अभिभावकगण अतिरिक्त सतर्कता रखें।
  1. पशुधन सुरक्षा से संबंधित निर्देश
  • पशुओं को खुले मैदान, वृक्षों के नीचे अथवा विद्युत यंत्रों के समीप न बांधें।
  • मवेशियों के लिए सुरक्षित, समुचित छायायुक्त एवं शुष्क स्थल की व्यवस्था करें।

👮‍♂️ टीकमगढ़ पुलिस द्वारा की जा रही प्रशासनिक पहलें:

  • जिले में स्थित जर्जर भवनों, जलभराव संभावित क्षेत्रों एवं संवेदनशील स्थलों की नियमित निगरानी एवं चिन्हांकन।
  • ⁠सभी थाना स्तर पर प्रशिक्षित वॉलेटियरों की तैनाती
  • ⁠नदी घाटों पर अस्थाई पुलिस चौकियों की स्थापना
  • ⁠आमजन को क्षेत्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने हेतु प्रशिक्षण
  • स्थानीय प्रशासन, विद्युत विभाग, नगरीय निकाय तथा आपदा प्रबंधन दलों के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त निरीक्षण।
  • रात्रि गश्त, क्षेत्रीय भ्रमण एवं संवेदनशील स्थलों पर सघन निगरानी की व्यवस्था।
  • जन-जागरूकता हेतु मुनादी, सूचना पटल, डिजिटल माध्यम (व्हाट्सएप, सोशल मीडिया), एवं नदी घाटों या तटीय क्षेत्रों में आपदा के संबंध में सामुदायिक संवाद जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन।
  • प्रत्येक थाना/चौकी स्तर पर आपातकालीन उत्तरदायी दल (Emergency Response Team) का गठन एवं सक्रियता।

📢 आपात स्थिति में सम्पर्क के लिए:

  • 🔹 डायल 100 / 112 (आपातकालीन सेवा)
  • 🔹 पुलिस कंट्रोल रूम, टीकमगढ़
  • 🔹 स्थानीय थाना अथवा चौकी प्रभारी से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करें

🗣️ पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर सिंह मंडलोई का नागरिकों के प्रति संदेश:

“वर्षा ऋतु में उत्पन्न प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षित रहने हेतु प्रत्येक नागरिक का सजग एवं जागरूक रहना अनिवार्य है। टीकमगढ़ पुलिस नागरिकों की सुरक्षा एवं सेवा हेतु निरंतर संकल्पबद्ध है। सावधानी ही सुरक्षा का सर्वोत्तम साधन है।”

🌧️ टीकमगढ़ पुलिस – सुरक्षित मानसून, सुरक्षित समाज
“सावधानी अपनाएं – सुरक्षा सुनिश्चित करें”

मनीष सोनी की रिपोर्ट

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