भारत के वार्षिक बजट का ऐलान होने के बाद हमेशा से ही जनता की निगाहें इस पर टिकी रहती हैं कि उनके रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका क्या असर पड़ेगा। इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने कई घोषणाएं की हैं जो सीधे तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतों पर असर डालेंगी, खासकर मोबाइल फोन और चार्जर्स पर। तो आइए जानते हैं कि बजट के बाद मोबाइल और चार्जर कितने सस्ते हुए हैं।
मोबाइल फोन
वर्तमान बजट में सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स पर कस्टम ड्यूटी कम करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले पुर्जों की कीमतों में कमी आएगी। इससे मोबाइल निर्माताओं की लागत घटेगी और इसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिलेगा।
सरकार का यह कदम मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भी है, जिससे देश में मोबाइल फोन निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। नए बजट के बाद, विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल फोन की कीमतें 5-10% तक घट सकती हैं, खासकर मिड-रेंज और बजट सेगमेंट में।
चार्जर
चार्जर की बात करें तो, बजट में चार्जर के कंपोनेंट्स पर भी कस्टम ड्यूटी में कमी की गई है। चार्जर की कीमतों में इस साल लगभग 10-15% की कमी देखने को मिल सकती है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि सरकार ने चार्जर में उपयोग होने वाले कुछ महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स पर आयात शुल्क कम कर दिया है, जिससे निर्माण लागत कम हो जाएगी।
उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
इन दोनों वस्तुओं की कीमतों में कमी का सबसे बड़ा लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलेगा। मोबाइल फोन और चार्जर दोनों ही आज के समय में जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। इनके सस्ते होने से लोगों की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा।
कंपनियों का रुझान
बजट के बाद कई बड़ी मोबाइल कंपनियों ने अपनी योजनाओं की घोषणा की है। कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों को कम करने के लिए नई रणनीतियां बना रही हैं। साथ ही, कई नई कंपनियां भी भारतीय बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को और भी सस्ते और बेहतर विकल्प मिलेंगे।
निष्कर्ष
इस साल का बजट मोबाइल फोन और चार्जर की कीमतों में कमी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। सरकार की इन घोषणाओं से उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा और उनके लिए उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण खरीदना अधिक सस्ता और आसान हो जाएगा। इस बजट के माध्यम से सरकार ने न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत दी है बल्कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा दिया है।