वैश्विक राजनीतिक मंच पर, तीन नेताओं के नाम सुनते ही विशेषतः वर्तमान समय में ध्यान उनकी बड़ी ताकतों की ओर खिचा जाता है – रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। ये तीनों नेता अपने देशों में शक्तिशाली राजनीतिक फिगर्स हैं, जिनकी नीतियों का विश्लेषण करते हुए हम उनके बीच तुलना कर सकते हैं।
पहले बात करें, व्लादिमीर पुतिन की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक अत्यधिक प्रभावशाली नेता हैं। उन्हें रूसी राजनीति में अत्यधिक अधिकार मिला है, जिससे उनकी शक्ति व अधिकार का आकलन करना मुश्किल है। पुतिन की रूस में व्यक्तिगत और राजनीतिक संभावनाओं पर बड़ा असर है।
दूसरी ओर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत में एक शक्तिशाली नेता के रूप में देखा जाता है। मोदी ने अपने कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश को ग्लोबल मंच पर मजबूत बनाने में कई कदम उठाए हैं।
तीसरी बात है, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की। जिनपिंग चीन में अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए कई उपायों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि आर्थिक और सैन्य बल का विकास।
इन तीनों नेताओं को तुलना करते समय, विविधता की ध्यानवस्त चीजें सामने आती हैं। पुतिन की शक्ति उनकी रूसी राजनीति में एकमात्र नेतृत्व और अधिकार से आती है, जबकि मोदी और जिनपिंग की शक्ति अपने देशों के अर्थव्यवस्था और सैन्य ताकत के माध्यम से आती है।
कुल मिलाकर, यह कहना मुश्किल है कि पुतिन, मोदी और जिनपिंग में से कौन ज्यादा ताकतवर है। प्रत्येक नेता अपने देश की विशेषता और परिस्थितियों के आधार पर अपनी शक्ति को प्रदर्शित करता है। इनकी शक्ति का अंदाजा लगाने के लिए, हमें उनके कार्रवाइयों, नीतियों, और उनके देशों की वर्तमान परिस्थितियों को समझने की आवश्यकता होती है।