यह मामला पन्ना जिला के तहसील शाहनगर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत शाहपुर खुर्द का है जहां पर एक गांव जंगल के बीचों बीच स्थित है जिसका नाम ग्राम मजरा करहो है जहां पर आदिवासी लोग निवास रत हैं उन्हें मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए कोई कच्ची या पक्की सड़क नहीं है बल्कि वह लोग जंगल के बीचो-बीच पकड़ंडीयों के सहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचते हैं। चाहे उन लोगों के पास किसी भी प्रकार की अनहोनी या परिस्थितियां हों वह लोग अपने ग्राम तक साधनों के माध्यम से नहीं पहुंच सकते है।
और जब उन लोगों के यहां किसी की तबियत खराब हो या महिलाओ को डिलीवरी के लिए जाना होता है तो चारपाई के सहारे उन्हें मुख्य मार्ग से जुडने के लिए लगभग 5 किलोमीटर का रास्ता तय कराना पड़ता है उसके बाद उनको एंबुलेंस का सहारा मिल पाता है।
ऐसा ही मामला उस ग्राम से आज सामने आया है जो की उस ग्राम का एक युवक ब्रजेंद्र पिता लक्ष्मण गौंड उम्र 20 वर्ष गुजरात काम करने गया था जहां पर उसकी किसी कारण से मृत्यु हो गई जिसकी आज डेड बॉडी एंबुलेंस के माध्यम से ग्राम पंचायत शाहपुर खुर्द के मजरा करहो लाई गई लेकिन उसकी बदनसीबी कहे या ग्रामीणों की फूटी किस्मत ।
उसकी डेड बॉडी को एम्बुलेंस ग्राम तक छोड़ने मै असमर्थ रही क्योंकि ग्राम तक जाने के लिए कोई भी पहुंच मार्ग नहीं है।
जिसके कारण लोगों ने ऊबड़ खाबड़ कच्ची जगह एवम् बिना पुल के नाले होने के चलते ट्रैक्टर का सहारा लिया और ग्रामीण आदिवासी समूह के लोगों ने मौजूदा सरकार एवम् शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की
अबकी बार रोड नहीं तो बोट
नहीं और इस प्रकार की नारेबाज करते हुए डेड बॉडी को ट्रैक्टर मै रखकर रोते बिलखते ग्राम मजरा करहो ओर बढ़ते गए और अपने स्थानीय विधायक प्रह्लाद लोधी एवं सांसद वीडी शर्मा से सभी ग्रामीणों ने अपील करते हुए मांग की है की हमारे ग्राम के लिए पक्का नहीं तो कच्चा ही व्यवस्थित पहुंच मार्ग बनाने की महान कृपा कर दीजिए नही तो इस बार हम सभी ग्रामीण बोट का बहिष्कार करेगें।