चुनावी ड्यूटी के बाद लापता हुईं ASI मैडम और कांस्टेबल, प्रेम कहानी के चलते सस्पेंशन का मामला गरमाया!

ग्वालियर: ग्वालियर रेंज पुलिस महानिरीक्षक ऑफिस में एक हैरतअंगेज़ मामला सामने आया है। एक महिला सहायक उप-निरीक्षक (ASI) और एक आरक्षक चुनावी ड्यूटी के बाद से लापता हो गए हैं। यह घटना तब सामने आई जब दोनों न तो अपने दफ्तर पहुंचे और न ही घर वापस आए। दोनों के परिजनों ने चिंता जताते हुए उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है।

घटना का विवरण
ग्वालियर के आईजी ऑफिस में तैनात महिला एएसआई निशा जैन और आरक्षक अखंड प्रताप सिंह यादव, दोनों अपने घर से 8 मई को ड्यूटी के लिए निकले थे। लेकिन इसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है। दोनों के मोबाइल भी स्विच ऑफ जा रहे हैं, जिससे उनके परिजन और विभागीय अधिकारी चिंतित हैं।

परिवार वालों की आशंका
महिला एएसआई निशा जैन के परिजनों ने आईजी अरविंद सक्सेना को बताया कि उनकी बेटी का प्रेम संबंध उसी कार्यालय में पदस्थ आरक्षक अखंड प्रताप सिंह यादव के साथ था। परिजनों का मानना है कि दोनों ने संभवतः एक साथ भागकर शादी कर ली है, क्योंकि दोनों के परिवार अलग-अलग समाज के हैं और उनके विवाह के लिए तैयार नहीं थे।

विभागीय कार्रवाई
आईजी अरविंद सक्सेना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को गैर हाजिर होने के कारण निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि लापता पुलिसकर्मियों की तलाश की जा रही है और इस मामले की पूरी जांच की जाएगी।

चुनावी ड्यूटी और गायब होने की घटना
7 मई को दोनों पुलिसकर्मियों ने चुनावी ड्यूटी की थी और 8 मई को ड्यूटी के लिए अपने घर से निकले थे। लेकिन वे आईजी ऑफिस नहीं पहुंचे। जब शाम तक महिला एएसआई अपने घर नहीं लौटी, तो उनके परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। मोबाइल स्विच ऑफ होने के कारण, परिवार ने आईजी ऑफिस पहुंचकर जानकारी ली, जहां पता चला कि दोनों ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे।

पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
महिला एएसआई के परिजनों ने निशा जैन की गुमशुदगी की शिकायत कंपू थाने में दर्ज कराई है। पुलिस अब दोनों के ठिकाने का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। उनके कॉल रिकॉर्ड्स और सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस मामले की सच्चाई का पता लगाएंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

निष्कर्ष
यह मामला पुलिस विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। एक तरफ विभाग को अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखना है, तो दूसरी तरफ लापता पुलिसकर्मियों की सलामती सुनिश्चित करनी है। जनता और विभागीय कर्मचारियों के मन में इस घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले की सच्चाई सामने आएगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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