क्या प्रभारी मंत्री ही अब अपराधियों को बचाएगी? एड अविरल अमिताभ जैन

हिंदी भाषा के मुहावरे टीकमगढ़ जिले में चरितार्थ होते दिख रहे है। अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रोती के द्वारा की जा रही कार्यवाही प्रशंसनीय है। दैनिक भास्कर अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार टीकमगढ़ नगर के लगभग सभी अवैध कॉलोनाइजर एक जुट होकर कलेक्टर की शिकायत करने जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर के पास भोपाल पहुंचे। गौर करने वाली बात है कि इस मुद्दे को उठाने में भाजपा के नेता ही अग्रणी रहे। ये होना बहुत अचंभित नहीं कर रहा है। यहां भी अवैध कॉलोनाइजर बने तथाकथित नेताओं के द्वारा चतुराई से इस मुद्दे को भी जनता की परेशानी के रूप में प्रभारी मंत्री के समक्ष प्रदर्शित किया है। और प्रभारी मंत्री भी इस चक्रव्यू में फंस गई क्योंकि अगर जनता के हित की बात की जाएगी तो उसके विरुद्ध में कोई बयान नहीं दिया जा सकता है। एक अवैध कॉलोनाइजर का कहना है कि सिंगल विंडोज प्रोग्राम बनाया जाना चाहिए, अभी की जो प्रक्रिया है उसमें समय लगता है जिस कारण ही ये अवैध कॉलोनी बन गई है। तो माननीय जी को जानना होगा कि टीकमगढ़ में भी ऐसी कॉलोनी है जो पूरी तरह से कानून का पालन करते हुए सभी अनुमति लेने के बाद विकसित की गई है उन कॉलोनाइजर को कोई परेशानी नहीं हुई साथ ही यही नियम पूरे प्रदेश के लिए है लेकिन अन्य किसी जिले में ऐसी समस्या सामने नहीं आई। लेकिन टीकमगढ़ में विकसित हो रही अवैध कॉलोनी पर जब प्रशासन के डंडे चलने का समय आया तब सभी अवैध कॉलोनाइजर एक होकर सही कार्य करने वाले को रोकने में लग गए है। आज प्रश्न ये होने की जगह की जो अवैध कॉलोनी में बस गए है उनका क्या होगा उनके अधिकारों के लिए क्या करना पड़ेगा, प्रश्न ये होना चाहिए कि जिन्होंने अवैध कॉलोनी बनाई है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी जिससे संदेश जाए और भविष्य में अवैध कॉलोनी विकसित न हो। म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के नियम 26 के तहत बिना विकास के कॉलोनी बेचना अपराध है। अब अगर अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले पर होने वाली कार्यवाही के बीच प्रभारी मंत्री आती है तो ये वैसा ही होगा कि अवैध कॉलोनी बनाकर अपराध करने वाले अपराधियों के बचाने के लिए सरकार ही बीच में आ गई है। हालांकि कलेक्टर टीकमगढ़ ने शनिवार को हुई कॉलोनी विकसित करने के संबंध में कार्यशाला में अवैध कॉलोनी के विषय में बात करने से इनकार कर दिया है। जो स्पष्ट करता है कि कलेक्टर टीकमगढ़ की इच्छा शक्ति अपने कार्य के प्रति दृण है।

मनीष सोनी की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *