कई कानूनी सुधारों और सख्त कानूनों के बावजूद, देश में महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर दिन औसतन 86 महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि महिलाओं की सुरक्षा के मामले में देश अभी भी पीछे है।
कानूनी सुधारों के बावजूद अपराध में कमी क्यों नहीं?
भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पिछले कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानून और महिला सुरक्षा के लिए बने विभिन्न योजनाओं के बावजूद, जमीनी स्तर पर हालात जस के तस बने हुए हैं। इसका मुख्य कारण केवल कानून बनाना ही नहीं, बल्कि उनका सही ढंग से लागू न होना भी है। पुलिस की असंवेदनशीलता, धीमी न्याय प्रक्रिया, और समाज में फैली पितृसत्तात्मक मानसिकता, ये सभी महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।
कौन सा राज्य है सबसे असुरक्षित?
NCRB के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य के रूप में उभरा है। यहां महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के मामलों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का स्थान है, जहां महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध के मामले भी चिंताजनक रूप से अधिक हैं। इन राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और प्रशासन की नाकामी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हो सकता है समाधान?
महिलाओं की सुरक्षा के लिए केवल कानून ही पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए हमें एक व्यापक सामाजिक बदलाव की आवश्यकता है। सबसे पहले, कानून के सख्त और प्रभावी अनुपालन को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। पुलिस और न्यायपालिका को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तेजी से कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा, समाज में महिलाओं के प्रति सोच और व्यवहार में भी बदलाव लाना जरूरी है। शिक्षा, जागरूकता, और महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों को और भी मजबूत करना होगा।
जब तक इन मुद्दों पर गंभीरता से काम नहीं किया जाएगा, तब तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आना मुश्किल है। कानून भले ही बदल गया हो, लेकिन समाज में महिलाओं की सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकेगी जब हम इन समस्याओं का सही तरीके से समाधान करेंगे।
कानून बदला, मगर हालात नहीं: हर दिन 86 रेप के मामले, जानें कौन सा राज्य है महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित
